what is CAA and NRC 
क्या है नागरिकता संशोधन बिल 2019?
हमारे फेसबुक पेज को लाइक  करो ताकी सर्वे मे पता चले कितने प्रतिशत भारतीय CAA/NRC के खिलाफ है या फिर समर्थन मे है |
reject caa and nrc
what is caa and nrc

Viral Photo On Internet / Trending Photo 

नागरिकता संशोधन बिल के तहात बांग्लादेश,पाकिस्तान,और अफगाणिस्तान के लोगो को नागरिकता दी जाएगी इस बिल के ताहत कोई भी हिंदू ,बौद्ध,जैन,सिख,पारसी,और इसाई समुदाई के शरणार्थी को भारत की नागरिकता प्रदान की जायेंगी
इन अल्पसंख्याक लोगो को नागरिकता उसी सूरत मे मिलेगी, आगर इन तिनो देशो मे किसी अल्पसंख्याक का धार्मिक आधार पार उतपीडण हुवा हो, आगर आधार धार्मिक नाही है तो , तो वो इस कानून के दायरे मे नाही आते है.

मुस्लिम धर्म के लोगो को इस कानून के तहत किसी को  भी नागरिकता नाही दी जाएगी क्योंकि इन तीनों देशों मे मुस्लिम अल्पसंख्याक नहीं है , बल्कि बहुलता मे है , इस कानून मे मुस्लिम लोगों को नहीं शामिल करने का मोदी सरकार का ये तर्क है की इन तीनों देशों मे मुस्लिम बहुलता है ।  और धार्मिक आधार पर किसी मुस्लिम का उत्पीड़न नहीं इन तीनों देशों मे नहीं हो सकता क्युकी इन तीनों देशों मे मुस्लिम बहु संख्य  है ।


आपको क्या लगता है तर्क से कानून पास करना सही है ? कमेन्ट करके जरूर बताए
इस बिल के तहत किसी अल्पसंख्यक को भारत की नागरिकता पाने के लिए कम से कम 6 तक भारत में रहना जरूरी है. बता दें कि पुराने कानून (Citizenship Act 1955) के तहत भारतीय नागरिकता के लिए कम से कम 11 साल भारत में रहना जरूरी था.




नागरिकता संशोधन कानून के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है.


नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन क्या है?

हम देख रहे है के आए दिन caa  और nrc  के कानून के खिलाफ लोग जमकर विरोध कर रहे है
Nrc  क्या है ? nrc  से ये पता चलता है की कौन भारत का नागरिक है औ कौन नहीं है । और जो इसमे शामिल नहीं है और भारत मे रह रहे है उन्हे अवैध नागरिक माना जाता  है ।
असम  एन आर सी के तहत उन लोगों को भारत का नागरिक माना गया जो असम मे 25 मार्च 1971 से रह रहे है ।  और जो लोग 1971 के बाद से असम मे रह  रहे है या जिनके पास 1971 का कोई सबूत नहीं है , उन्हे nrc  लिस्ट से बाहर कर दिया गया  है ।



 एनआरसी लागू करने का मुख्य उद्देश्य ही यही है कि अवैध नागरिकों की पहचान कर के या तो उन्हें वापस भेजा जाए, या फिर जिन्हें मुमकिन हो उन्हें भारत की नागरिकता देकर वैध बनाया जाए.
भारत मे ऐसे कई  लोग है जो 1971 से पहले भारत मे रह रहे है लेकीन उन लोगों के पास इस बात का कोई सबूत नहीं है के वह भारत मे कबसे रह रहे है तो इन लोगों क्या सबूत देना हॉँग भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए।